बच्चे की शक़्ल मे
जब जमीन पे भेजता है खुदा इंसान को
वो यही समझ के
की ये बड़ा हो कर करेगा खुदा की ईबादत
और नेकी के राह पर चल
करेगा दिन–दुखियों की मदत
लेकिन हम इंसान है बड़ी अजब चीज
भिगो के उसको हरे, सफ़ेद, भगवे
और न जाने कितने रंगो में
पहनाकर अलग–अलग तरह के कपडे
बदलकर बालों की स्टाईल और चेहरे के नाकनक्शे
बन बैठे है ठेकेदार समाज के
बड़ी सजधज के
खुदा, भगवान् को मंदिर–मस्जिद में बंद कर
ये बन बैठे है उसके सौदागर
उसको सामने कर
पहले उसको मरने छोड़ देते है
मजहब के नामपर खूनखराबा होते हुए
ये भगवान् के पीछे से देखते है
जब खुदा उनको बोलता है
ये गुनाह–ऐ–अजीम है, तुम नरक मे जाओगे
छोडो ये रास्ता तभी तुम मुझको पाओगे
तब ये दिखा के उंगली
देकर हिदायत मुँह बंद रखने की
उसको चुप बैठने को बोलते है