अरे मत किसी के भगवान को नाम रखो
बुराईया तो हर धरम मे है
बेहतर इसी मे है, बुराई को नजरअंदाज कर
आज के जमाने मे जीने के लिए जो चीजे है फायदेमंद
उतनी ही अच्छी बाते उसमे से ले
ये मत भूल खुदा तो भगवान है
इसीलिए उसके सारी दुनिया मे दीवाने है
हर जगह बुतखाने और इबादतखाने है
राक्षसों को कौन माननेवाला होता है
ना उसकी तारीफ की जाती है
ना उसका सुबह–शाम नाम लिया जाता है,
ना उसके चेले है ना उसके नाम से लगते मेले है
हर जगह पूजा अच्छाई की, की जाती है
किसी भी खुदा की किताब अच्छाई का सबब नही बनती
हमे तो है उनमे से अच्छी बाते चुननी पडती
सबको दिल से सलाम, नमस्कार, ‘सत श्री अकाल‘ करते चलो
एक दूसरे के गले मिलो, फलोफूलो