खुद को बदलो

 

T.V. पर किसी धार्मिक चॅनल पर एक धार्मिक प्रवचनकार

बड़े गर्व से बड़ी ज्ञान की बाते बता रहे थे

सामने विशाल जनसमुदाय बैठा था

उनकी बाते बड़ी ध्यान दे के सुन रहा था

लोग उनकी बातों से प्रभावित हो रहे थे

 

वो बोल रहे थे – “मनुष्य ने कभी पैसो के पीछे नही भागना चाहिए

फिर वो बता रहे थे-“मनुष्य को अगर दो वक्त की रोटी आज मिल जाये

तो उसे उस पर ही संतोष करना चाहिए,

कल की कल पर छोडना चाहिए

क्योंकि अगर आज तुमको दो वक्त की रोटी मिली है

तो यक़ीनन कल की भी सोय उस उपरवालेने तुम्हारे लिए की है,

इसलिए धन के पीछे नही भागना चाहिए

वो फिर बता रहे थे 

जब हम छोटे थे तो जमीनपर एक चादर बिछाकर सोया करते थे,

रुखासूखा खाते थे लेकिन खुशहाल जिंदगी बिताते थे

 

उस प्रवचनकार की बाते लोग मन लगाकर सुन रहे थे

वो देख के मुझे उस जनसागर पर गुस्सा आ रहा था

लगा एक चतुर आदमी देखो कैसे हजारो लोगो को ठग रहा है

 

दोस्तो वो प्रवचनकार करोडपति था

उसके एक दिन के प्रवचन की फीसएक लाख रुपये रोज की थी

और वो प्रवचनकार जहा भी प्रवचन करने जाता था

तो वो वहा के पंचतारांकित होटल मे रहता था

उसके साथ उसके दस चेले आया करते थे

उनके खर्चे के लिए वो 

दस हजार रुपये रोज अलग से चार्ज किया करता था

 

उसको खाने मे होटल का चमचमीत खाना चाहिए होता था,

बिसलेरीके बगैर वो पानी नही पीता था,

जब वह प्रवचन देने के लिए पेंडोलमे बैठता था

तो उसके आजुबाजु तेज हवा फेकनेवाले कूलर हुआ करते थे

और ये ढोंगी प्रवचनकार

लोगों को मोहमाया से दूर रहने की हिदायत दे रहा था

 

बड़ी शर्म आ रही थी वो सुन के, देख के

लेकिन उससे भी बड़ी ग्लानि महसूस हुई वहा की भीड देख के

वो भीड उस प्रवचनकार का ये सब तामझाम देख के भी अनजान थी

और उसके बातो पर तालिया बजा रही थी

 

दोस्तो डिग्रियाँ लेकर केवल कागजपर नही,

दिलोदिमाग से सुशिक्षित बनो

सही और झूठे का फरक समझो,

खुद को बदलो

जब हम बदलेंगे

तब ये प्रवचनकार गलीगली भिक मांगते हुए दिखेंगे