मेरा दोस्त कह रहा था
“ये शराब नही ये तो है गम दूर करने की दवा
और दिमाग को तुरंत चार्ज कर दे वो है खैनी और मावा
ये तो है सब विटामिनो का बादशाह“
सुन के सर हिल गया, मुझ से कुछ कहा न गया
कुछ दिन बाद वो दोस्त दवाखाने भर्ती दिखा
उसकी बीवी उसे ताने मार रही थी
“और पियो दारू, खाओ तम्बाखू
अब दवाखाने का बिल भरने पैसे कहा से लावू“
वो दोस्त, दारू की खाली बोतलोसा उसे निहार रहा था
पास खडा डॉक्टर “विटामिन” के इंजेक्शन लगाने
उनसे पैसे मांग रहा था
बडी विवषतासे वो दोस्त, मन ही मन,
अपने “दारू” और “खैनी” के आदतों को कोस रहा था