सवेरे जब मै टी.व्ही. पे चॅनल्स बदल रहा था
तब अचानक भविष्य बतानेवाले चॅनल पर पड़ी नजर
उस कार्यक्रम में एक महानुभाव पहन के भगवा चोला
बता रहे थे ग्रहों का मानवी जीवनपर होनेवाला असर
वो बता रहे थे–
अगर चंद्रमा और राहू युती करें तो ‘हार्मोन डिसऑर्डर‘ होता है,
मंगल और शनी त्रिकोण करे तो ‘अपघात‘ होता है,
राहू–केतू चांडाल योग हो तो ‘जातक‘ धनहानी होकर भिकारी हो जाता है,
सूर्य कमजोर हो तो शरीर में कमजोरी रहती है, आँखों की समस्या निर्माण होती है,
अगर चंद्रमा–गुरु शनी के छाया में हो तो वैवाहिक जीवन में अडचने आती है
मैंने उसको हात जोड़ा और मन में कहा
अगर ऐसा है तो उन ग्रहों पर क़ानूनी कार्यवाही करनी चाहिए
‘स्पेशल टास्क फोर्स‘ का गठन कर
उनकी बारकाईसे जाँच होनी चाहिए
उनसे मानवजाति को खतरा भाँपकर
उन्हें खतरनाक आंतरराष्ट्रीय उग्रवादियों के श्रेणी में समाकर
उन पर मुकदमे चलाकर उनको जेल में भेजना चाहिए
या उनको मनोरुग्ण समझकर हमेशा के लिए पागलखाने भेजना चाहिए
तथा किसी के जीवन में अनाठायी झाकने
और किसी का जीवन अस्तव्यस्त करनेवाले ग्रहों को
‘कौटुंबिक न्यायालय‘ में ले जाकर उनका समुपदेशन करना चाहिए
पता नही हम कहा जा रहे है
हममे न रही सहनशीलता और नही समझ
जैसे दिमाग को लग गयी हो दिमग
किसी भी ऐरेगैरे बाबा की बातो में आकर
खुद को रख देते है उलझकर