मेरे देश का क्या बखाण करू
सब चंगा है
भले ही न मिले पोषक आहार बच्चों को
या छाये उनके चेहरे पर मायूसी
“फैरेक्स“, “बॉर्नव्हिटा” के होर्डिंग्स पर दिखे
गूंजती बच्चों की हँसी
न मिले भूकों के मुँह को निवाला
यहाँ गरीबी नही छटती
टी.व्ही. पर सास–बहू हँसते हुए दिखाती
महंगे ब्रांड के अनाज की बनाते रोटी
और खुशबूदार चावल के बिर्यानी की दावते बाँटती
रास्ते है मटमैले
गलियारों मे कचरा भरा पडा है
“लाइज़ॉल“, “हारपिक” के विज्ञापन देखो
हर तरफ उजियारा है
“AAYUSH ऐप” डाऊनलोड कर
घरेलु नुस्खे पाना है
छप्पन इंच का सीना दिखाकर
च्यवनप्राश खाकर जीना है
अब तो दुनिया बदल गयी है
पहले से हसीन हो गयी है
“लक्स” से नहाकर, सलून मे भुवये कराकर
बूढे भी जवान हो गये है