शुssssss उधर ना जा

 

शुssssss उधर ना जा

है उस राह

इबादतगाह

अगर है तू उस धरम का

तो वैसा चोला पहन के जा

उस धरम के रंग के कपडे पहन के जा

अगर तू जायेगा ऐसा ही

तो धरम मे खलल डालने के जुर्म मे

धरम के ठेकेदार

बहायेंगे तेरा खून ऐसे ही

 

भूलकर भी मत बजा

मंदिर मे घंटा,

ना मस्जिद मे पढ नमाज,

नाही कैंडल चर्च मे जला

धरम के ठेकेदार ये कहकर

कि हो गयी हमारी नींदे हराम

घोट देंगी तेरा गला

 

मुस्लिम के मोहल्ले से जाना है

तो दाढी बढा के, लुंगी पहन के जा

हिंदू के मोहल्ले से जाना है

तो तिलक लगा के, जनेऊ पहन के जा

जाते जाते गीता और कुरान के आयते पढते जा

किसी ने टोका, किसी ने रोका

तो जय श्रीराम“, “सलाम वालेकुमबोलते जा

अगर नही सुनेगा तू

मारा जायेगा बेवजह

 

शुssssss उधर ना जा

है उस राह, इबादतगाह